19 December 2011
16 December 2011
इस शहर में
इस शहर में,
दिन होता है
ना
रात होती है.
किसी के पास यहाँ,
तभी तो वक्त नहीं.
इस शहर में,
खून
बहुत होते है.
बड़ी कद्र है
लोगों में यहाँ,
रिश्तों की.
इस शहर में,
रहते हैं
तमाम लोग बड़े,
बड़ी गरीबी है,
कहते हैं
इस शहर में भी.
इस शहर में,
होती है
तिजारत ऐसी,
कि सज जाते हैं
'बाज़ार,'
शाम ढलते ही.
इस
शहर में,
जाना
पहचाना था
शिर्फ़
शख्स इक,
नज़र
आता नही
वो, अब
आईने में भी.
13 December 2011
आने वाला है लोकपाल
आने वाला है लोकपाल.
मंत्री हैरान .
नेता परेशान.
काहे की नेतागिरी !
जब लेना नहीं है माल.
अफसर उदास.
मातहत हतास.
करना पड़ेगा काम !
बिना किये 'हलाल'?
जेई - एई सन्न.
जनता प्रसन्न.
ठेकेदार अवाक !
सड़क बनेगी हर साल ?
कुछ कमा ले यार.
कुछ जमा ले यार.
होने वाला है बुरा हाल.
आने वाला है लोकपाल.
मंत्री हैरान .
नेता परेशान.
काहे की नेतागिरी !
जब लेना नहीं है माल.
अफसर उदास.
मातहत हतास.
करना पड़ेगा काम !
बिना किये 'हलाल'?
जेई - एई सन्न.
जनता प्रसन्न.
ठेकेदार अवाक !
सड़क बनेगी हर साल ?
कुछ कमा ले यार.
कुछ जमा ले यार.
होने वाला है बुरा हाल.
आने वाला है लोकपाल.
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